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प्रकृति का इशारा इस बार जमकर बरसेगा मानसून

भयंकर बारिश की ओर मशीन नहीं प्रकृति का इशारा, जमीन पर नहीं इस बार ऊंचाई पर दिए टिटहरी ने अंडे, इतने महीने होगी बारिश… किसान खुश

जयपुर मशीन और प्रकृति…. ।

मौसम का अनुमान देश के कई राज्यों में इन्हीं दो तरीकों से लगाया जाता है। अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरह की मान्यताएं चलती हैं। राजस्थान में मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए मशीनों की मदद के साथ ही प्रकृति की भी मदद ली जाती है। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश औसत से बेहतर रहेगी, हांलाकि अभी मौसम अपडेट भी किया जाना है। लेकिन इस बीच प्रकृति का इशारा भी मौसम विभाग के नक्शेकदम पर चल रहा है।

ग्रामीण इलाकों में अभी भी प्रकृति के इशारों को ही मौसम से जोड़कर देखा जाता है। इसी तरह का एक मामला जयपुर से सामने आया है। प्रकृति इस बार मानसून अच्छा रहने के संकेत दे रही है। ये संकेत टिटहरी पक्षी द्वारा दिए गए अंडों से बखूबी समझ में आ रहे हैं। दरअसल, पहले के जमाने में इस पक्षी के अंडे देख लोग बता देते थे कि बारिश कैसी होगी पुराने जमाने में ग्रामीण किसान मौसम का हाल जानने के लिए कई तरीके अपनाते थे। यह भी उन्ही में से एक है।

हालांकि, टिटहरी के अंडे आसानी से नहीं दिखते हैं:

लेकिन, दौलतपुरा क्षेत्र के सेवापुरा रामपुरा गाव के किस मोहन प्रजापत के खेत मे टिटहरी ने अंडे दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि टिटहरी के अंडे दिख जाएं तो माना जाता है बारिश अच्छी होती है। बता दें कि टिटहरी अप्रैल से जून माह के द्वितीय सप्ताह तक अंडे देती है। लगभग 18 से 20 दिनों बाद इनमें से बच्चे बाहर निकल जाते हैं। ग्रामीण रामनिवास गुर्जर ने बताया कि पूर्वजों से सुनते आए हैं कि जब टिटहरी के अंडे दिखाई देते हैं तो बारिश अच्छी होती है।

 

कहते थे अगर 4 की संख्या में अंडे दिखाई दें तो इसका मतलब पूरे चार महीने अच्छी बारिश होगी:

 

ग्रामीण दीनदयाल शर्मा ने कहा कि अंडे 3 की संख्या में दिखें तो माना जाता है 3 महीने ही बारिश होगी। ग्रामीणों का कहना है कि ऊंचे स्थान पर अंडे दिए हैं तो बारिश जल्दी होगी। निचले स्थान पर अंडे दिए हैं तो मान लीजिए बारिश देर से होगी।

 

बात वैज्ञानिक शोध की तो, अंडों को लेकर विज्ञान के पास कोई प्रमाण नहीं:

 

किसान सुरेंद्र मंडोलिया का कहना है कि यह वैज्ञानिक शोध का विषय भी है। टिटहरी सहित कुछ पक्षियों में मौसम का पूर्वानुमान लगाने की अद्भुत क्षमता होती हैं। किसान टिटहरी के अंडों को देखकर जमाने से मानसून का पूर्वानुमान लगाते आ रहे हैं। खेत की जुताई करते समय यदि किसान को टिटहरी के अंडे दिख जाएं तो वह उस जगह की जुताई नहीं करते। किसान टिटहरी के अंडों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं।

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