उपभोक्ता आयोग ने (सहारा इंडिया) को दिए मैच्योरिटी राशि ब्याज सहित देने के आदेश ।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला –
नागौर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नागौर ने एक परिवादिनी की सहारा की दो योजनाओं में निवेश की गई राशि की मैच्योरिटी पर उसे नियमानुसार भुगतान नहीं दिए जाने से जुड़े एक प्रकरण में सहारा इंडिया को सेवा में कमी का दोषी माना है। आयोग के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुड़खुड़िया व चन्द्रकला व्यास ने सुनवाई के बाद आदेश दिया कि वे परिवादिनी को दोनों योजनाओं में निवेश की गई राशि की मैच्योरिटी राशि 30,158/- रूपये एवं इस पर आयोग में परिवाद संस्थापन तक नियमानुसार ब्याज तथा आयोग में परिवाद संस्थापन से भुगतान तक 9 प्रतिशत ब्याज सहित प्रदान करें।
नाईवाड़ा मिट्ठीजाल नागौर निवासी रीता छापरवाल ने 18 सितम्बर, 2023 को एक परिवाद सहारा इंडिया की लखनऊ व नागौर शाखा के खिलाफ पेश कर बताया कि उसने 31 दिसम्बर, 2006 को सहारा टी व सहारा टी न्यू योजना में क्रमशः पांच-पांच हजार रूपये निवेश किए, जिनकी मैच्योरिटी पर 30,158 रूपये अदा किए जाने थे, जो उसे भुगतान नहीं किए गए।
जारी किए नोटिस –
मामला आयोग के समक्ष आया तो न्यायालय ने सहारा इंडिया की लखनऊ व नागौर कार्यालय में नोटिस भेजे तो लखनऊ कार्यालय से तामिल के बावजूद कोई उपस्थित नहीं आया, जबकि नागौर कार्यालय का जवाब नहीं आने से उसे बंद कर दिया गया।
आयोग का फैसला –
इस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुडखुडिया व चन्द्रकला व्यास ने सहारा इंडिया को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए आदेश दिया कि वे परिवादिनी को मैच्योरिटी राशि 30,158/- रूपये एवं इस पर आयोग में परिवाद संस्थापन तिथि तक नियमानुसार ब्याज तथा आयोग में परिवाद संस्थापन से भुगतान की तिथि तक 9 प्रतिशत ब्याज सहित राशि अदा करें। साथ ही न्यायालय ने मानसिक वेदना के 5 हजार रुपए और परिवाद शुल्क पेटे 5 हजार रुपए अलग से अदा करने के आदेश भी सहारा इंडिया को दिए हैं।
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