पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ हो रहे अनुचित एवं असभ्य व्यवहार के विरोध में ज्ञापन
महिला संगठनों में पश्चिम बंगाल की घटनाओं के विरोध में गुस्सा
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली, कूचबिहार और उत्तर दिनाज़पुर (चोपरा) में हुई घटना से अत्यंत व्यथित होकर महिला संगठनों द्वारा नागौर में यह ज्ञापन प्रेषित किया गया।
जिला कलक्टर के माध्यम से भारत के गृहमंत्री को भेजे गए इस ज्ञापन में लिखा गया कि पश्चिम बंगाल में दिन – प्रतिदिन महिलाओं की बिगड़ती हुई स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। कानून और व्यवस्था केवल शब्दकोष तक सिमटकर रह गए हो ऐसा प्रतीत होने लगा है। संदेशखाली, कूचबिहार और उत्तर दिनाज़पुर (चोपरा) की घटना सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देनेवाली हैं। निरीह, निरपराध नागरिकों का और विशेषतः महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा निंदनीय है। भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ानेवाली ये घटनाएं तालिबानी शासन का स्मरण कराती है। विभिन्न महिला संगठनों के नेतृत्व में दिए गए इस ज्ञापन में लिखा गया कि एक महिला मुख्यमंत्री के होते हुए भी महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और अपमान से हम सब महिलाएं अत्यंत व्यथित है और भारत के गृहमंत्री से निवेदन किया गया कि इस पूरे मामलें में हस्तक्षेप करे तथा घटना की न्यायिक जाँच करवाएं। सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए । साथ ही अनुरोध किया गया कि पीड़ित महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उपचार और उनके पुनर्वसन की प्रभावी व्यवस्था की जाए। महिला संगठनों ने इस पूरे मामले की कठोर निंदा करके मांग की गई कि कृपया इस अत्यंत संवेदनशील स्थिति का संज्ञान लेते हुए शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक कार्यवाही करें। न्याय और विधि नियम की पुनः स्थापना की अपेक्षा इसमें की गई।
मरुधरा महिला मंच, नारी चेतना मंच, जनसंख्या समाधान फाऊंडेशन मंच, अहींछत्र वीरा महिला मंडल, आदि संगठनों की ओर से दिए गए ज्ञापन में महिला संगठनों ने द्वारा इसमें सहभागिता दी गई। पश्चिम बंगाल में दिन प्रतिदिन महिलाओं की बिगड़ती हुई स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। मरुधरा महिला मंच की इंदु चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री महिला होने के बावजूद भी वहां पर महिलाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक है उन्होंने पश्चिम बंगाल की घटना पर भारत सरकार द्वारा कठोर कार्यवाही की मांग की।
नारी चेतना मंच की सरोज प्रजापत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थित संदेशखाली कूच बिहार उत्तर दिनाजपुर (चोपरा) में एक दंपति परिवार की सरिया कानून के अंतर्गत पिटाई की गई है वह बेहद ही शर्मनाक और चिंता जनक है। पश्चिम बंगाल की व्यवस्था केवल शब्दकोश तक सिमट कर रह गई है। इस प्रकार की घटना से सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देने वाली है । विश्व हिंदू परिषद की महिला उपाध्यक्ष नीलू खड़लोहिया ने इस अवसर पर कहा कि भविष्य में बंगाल में महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा नंदनीय है। भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली यह घटनाएं तालिबानी शासन का स्मरण कराती है। पश्चिम बंगाल सहित अन्य स्थानों पर भी महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार और अपमान से सब महिलाएं अत्यंत ही व्यतीत है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए इस पूरे मामले में तथा इस घटना में दोषी लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग ज्ञापन में की गई तथा पीड़ित महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उपचार और उनके पुनर्वासन की व्यवस्था भी करवाने की मांग करते हुए सभी महिला संगठनों ने पश्चिम बंगाल में हुई इस घटना की पुरजोर निंदा करते हुए शीघ्रताशीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने हेतु गृहमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधीश को दिया गया।
यह रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में नारी चेतना मंच की सरोज प्रजापत, राष्ट्र सेविका समिति की इंदु चौधरी, विश्व हिंदू परिषद की नीलू खड़लोहिया, दुर्गा वाहिनी की मेघा सामरिया, भाजपा महिला मोर्चा की मंजू सामरिया, अहिछत्रपुर वीरा महिला मंडल की नेहा संखलेचा, विद्या भारती से श्रीमती सोहन कौर, कमला चारण, सीमा मिश्रा, 7 डोर फाउंडेशन से आरती मनिहार, अग्रवाल समाज से सुधा अग्रवाल, सोनी समाज से मधु सोनी तथा आरती मनिहार, विमला राठी, आशा आसनानी, विनीता पूनिया, कमला चारण, सीमा मिश्रा, लीला पटेल, चित्रा पटेल, सुमन जैन, मधु सोनी, सरला दूगड़, सुमन अग्रवाल, उर्मिला, कलावती, हर्षिता, प्रेमलता, विशाखा, खुशबू, प्रेमलता, सरस्वती, सहित अनेक संगठनों की महिला पदाधिकारी मौजूद रही।
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